भारत में सरकारी कर्मचारियों के बीच पुरानी पेंशन योजना (Old pension scheme) को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। यह योजना पहले सभी सरकारी कर्मचारियों को सेवा समाप्ति के बाद जीवन भर के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती थी। हालांकि, 2004 में इसे नई पेंशन योजना (NPS) से बदल दिया गया, जिससे कई कर्मचारियों में असंतोष फैल गया था। पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने का विचार अब सरकार के विचाराधीन है, जिससे कर्मचारियों में आशा और खुशी की लहर दौड़ पड़ी है।
Old pension scheme क्यों है खास?
पुरानी पेंशन योजना Old pension scheme एक गारंटी वाली पेंशन योजना थी जिसमें सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50% जीवन भर पेंशन के रूप में दिया जाता था। इसके विपरीत, नई पेंशन योजना एक अंशदायी योजना है, जिसमें कर्मचारी और सरकार दोनों का योगदान होता है और यह पेंशन राशि बाजार पर निर्भर करती है। यह बदलाव 2004 में हुआ, जिसके बाद केवल 2004 से पहले नियुक्त हुए कर्मचारियों को ही पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है।
Old pension scheme की विशेषताएं
- गारंटी वाली योजना: पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों को जीवन भर पेंशन की गारंटी मिलती थी।
- सरल प्रक्रिया: इसमें किसी तरह की जटिलता नहीं थी; यह सीधी और स्पष्ट योजना थी।
- सुरक्षा की भावना: कर्मचारियों को इस योजना से वित्तीय सुरक्षा मिलती थी, जो नई योजना में बाजार की अनिश्चितताओं के कारण नहीं मिल पाती है।
कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग
देशभर के सरकारी कर्मचारी लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना Old pension scheme की बहाली की मांग कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि नई पेंशन योजना में कई अस्थिरता है, जिससे उनकी सेवा के बाद जीवन यापन कठिन हो सकता है। पुरानी पेंशन की बहाली से उन्हें सेवा समाप्ति के बाद एक स्थिर आय की गारंटी मिलेगी, जो नई योजना में संभव नहीं है।
पुरानी पेंशन बहाली पर सरकार का रुख
हालांकि, केंद्र सरकार ने अभी तक पुरानी पेंशन योजना को वापस लागू करने का कोई पक्का निर्णय नहीं लिया है, लेकिन कई राज्य सरकारों ने इस विषय पर चर्चा की है। सरकारी कर्मचारियों के लगातार दबाव और उनकी बढ़ती मांगों को देखते हुए सरकार भी इस योजना की बहाली पर विचार कर रही है। कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इस पर सकारात्मक कदम उठाएगी।
निष्कर्ष
पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर कर्मचारियों के बीच आशा की लहर है। यदि सरकार इसे फिर से लागू करती है, तो यह सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत होगी। अब यह देखने की बात होगी कि सरकार इस पर कब और किस प्रकार का फैसला लेती है।